केदारनाथ मंदिर के अन्दर सोने की परत काम में चढ़ाने के काम 125 करोड़ के घोटाले का आरोप, प्रबंधन ने दिया जवाब

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देहरादून // प्रसिद्ध केदारनाथ मंदिर के एक वरिष्ठ पुजारी ने मंदिर के अंदर सोने की परत चढ़ाने के काम में घोटाले का आरोप लगाकर विवाद खड़ा कर दिया है,  पर इस दावे का मंदिर समिति ने जोरदार खंडन किया है,

मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक केदारनाथ मंदिर महापंचायत के एक वरिष्ठ पुजारी संतोष त्रिवेदी ने जो  चार धाम महापंचायत के उपाध्यक्ष भी हैं ने श्री बदरीधाम केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी)  पर मंदिर के गर्भगृह के अंदर सोने के काम में 125 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है। त्रिवेदी का आरोप है कि गर्भगृह के अंदर जो सोने की प्लेटें लगाई गई हैं, वे असल में पीतल की बनी हैं.

बीकेटीसी ने आरोपों का खंडन किया है, समिति ने दावा किया कि घोटाले के आरोप सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फैलाई गई गलत सूचना का हिस्सा हैं।और इसे छोटे राजनीतिक तत्वों की साजिश का हिस्सा बताया है, जो यात्रा को प्रभावित करने और केदारनाथ धाम की छवि को खराब करने के लिए अफवाहें फैला रहे हैं,  समिति ने यह भी कहा है कि वह इसे बदनाम करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी।

बीकेटीसी ने कहा है कि सोना चढ़ाने का काम भारत के पुरातत्व सर्वेक्षण के विशेषज्ञों की देखरेख में किया गया है  गर्भगृह को स्वर्ण जड़ित करने का कार्य स्वयं दानदाता ने अपने स्तर से किया। दानदाता ने अपने स्तर से ज्वेलर्स से तांबे की प्लेटें तैयार करवाई व फिर उन पर सोने की परतें चढ़ाई और अपने ज्वेलर्स के माध्यम से ही इन प्लेटों को मंदिर में स्थापित कराया।

बीकेटीसी ने स्पष्ट किया है कि बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अधिनियम 1939 में दिए गए प्रावधान और राज्य सरकार से अनुमति के अनुसार दान स्वीकार किया गया था। गर्भगृह में स्थापित सोने और तांबे की प्लेटों के बिल और वाउचर काम पूरा होने के बाद बीकेटीसी को दिए गए थे, और नियमानुसार मंदिर की स्टॉक बुक में दर्ज किए गए हैं। दानस्वरूप किए इस कार्य के लिए दानी व्यक्ति अथवा किसी फर्म की ओर से बीकेटीसी के समक्ष किसी प्रकार की शर्त नहीं रखी गई न ही दानदाता ने बीकेटीसी से आयकर अधिनियम की धारा- 80 जी का प्रमाण पत्र मांगा।

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार सोने की प्लेटें मुंबई के व्यवसायी द्वारा दान की गई थीं, जो गुमनाम रहना चाहते थे, और राज्य सरकार ने मंदिर को 230 किलो सोना दान करने के उनके प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।

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