कितने अमेरिकी मोदी को पहचानते हैं ? क्या कहता हैं प्यू रिसर्च का सर्वे ?

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नई दिल्ली //  भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे के बीच प्यू रिसर्च का एक रोचक लेकिन विरोधाभासी सर्वे सामने आया है , जिसके मुताबिक अधिकांश अमेरिकियों ने मोदी के बारे में सुना ही नहीं है और जो अमेरिकी मोदी को जानते हैं उनमे से ज्यादातर की उनके प्रति भावनाए नकारात्मक हैं .हालांकि अधिकतर अमेरिकी भारत को अनुकूल मानते हैं पर उसके नेतृत्व पर भरोसा नहीं है . प्यू ने यह सर्वे 20 से 26 मार्च के बीच किया था . इस सर्वे को सुब्रमण्यम स्वामी में भी अपने ट्विटर हेंडल पर शेयर किया है .

एबीपी लाइव की खबर बताती है कि प्यू रिसर्च सेंटर के सर्वे के अनुसार, है. अमेरिकी नागरिकों (40%) का एक बड़ा हिस्सा कहता है कि उन्होंने भारतीय नेता  मोदी के बारे में कभी नहीं सुना है, जो कि 30 (59%) से कम उम्र के अधिकांश अमेरिकियों में भी परिलक्षित होता है – जब कई अन्य विश्व नेताओं की तुलना की जाती है, तो उनके बारे में सबसे कम सुना जाता है।, अमेरिका के 65 वर्ष और उससे अधिक उम्र के 28% वयस्क भी ऐसा ही कहते हैं. कम शिक्षा वाले वयस्कों की भी उच्च स्तर की शिक्षा वाले लोगों की तुलना में मोदी के बारे में कभी न सुनने की बात की है . जिन लोगों ने इस भारतीय नेता के बारे में सुना है, वे मानते हैं कि उनमें आत्मविश्वास की कमी है जिन लोगों ने पीएम मोदी के बारे में सुना है, उनके अंदर मोदी को लेकर भावना नकारात्मक है. जैसे- वहां 37% लोगों को वैश्विक मामलों के संबंध में पीएम मोदी की क्षमता पर बहुत कम या बिल्‍कुल भरोसा नहीं है, जबकि 21% को उन पर भरोसा है.

लगभग आधे अमेरिकी वयस्कों (51%) का भारत के प्रति दृष्टिकोण अनुकूल है, जबकि थोड़े से अन्य (44%) का दृष्टिकोण प्रतिकूल है। डेमोक्रेट और डेमोक्रेटिक-झुकाव वाले स्वतंत्र लोग भारत को अनुकूल रूप से देखने के लिए अपने रिपब्लिकन और रिपब्लिकन-झुकाव वाले समकक्षों की तुलना में कुछ हद तक अधिक हैं (56% बनाम 48%), जैसे स्नातक की डिग्री वाले लोगों की तुलना में जिनके पास स्नातक की डिग्री नहीं है (55% बनाम 50%).

विश्व स्तर पर भारत की स्थिति को देखते हुए, अधिकांश अमेरिकी वयस्कों (64%) का मानना है कि हाल के वर्षों में इस देश का प्रभाव दुनिया में वैसा ही बना हुआ है. वहीं, अन्य 23% का कहना है कि भारत का प्रभाव बढ़ा है, जबकि 11% का कहना है कि उसका प्रभाव कम हो गया है.

ज्‍यादातर अमेरिकियों को नहीं पता भारत का ध्‍वज कैसा है!
प्‍यू रिसर्च सेंटर की 2022 की एक रिपोर्ट में तो ये भी कहा गया कि अमेरिका के लोग भारतीय ध्वज से भी काफी हद तक अपरिचित हैं, यानी उन्‍हें नहीं पता होता कि भारत का राष्‍ट्रीय झंडा कैसा है. अमेरिकियों के अंतरराष्ट्रीय मामलों के ज्ञान का आकलन करने के लिए जब उनके सामने भारत के तिरंगा झंडे की तस्वीर प्रस्तुत की गई, तो केवल 41% अमेरिकी ही उसे पहचान पाए कि ये झंडा भारत का है.

क्या है प्यू रिसर्च सेंटर ?

प्यू रिसर्च सेंटर वाशिंगटन, डी.सी. में स्थित एक गैर-पक्षपाती अमेरिकी थिंक टैंक (खुद को “तथ्य टैंक” के रूप में संदर्भित करता है) है। इसकी उत्पत्ति 1990 में टाइम्स मिरर सेंटर फॉर द पीपल एंड द प्रेस नामक एक में हुई थी। 2004 में, प्यू चैरिटेबल ट्रस्ट्स ने अपनी सूचना पहलों को रखने के लिए एक सहायक के रूप में प्यू रिसर्च सेंटर की स्थापना की|

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