पर्यवेक्षक के दौरे के बीच नर्मदापुरम से ब्राह्मण उम्मीदवार उतारने की चर्चा ?

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नर्मदा पुरम/ इटारसी//  जिले की दो विधानसभा नर्मदापुरम( होशंगाबाद ) और पिपरिया के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस के पर्यवेक्षक के रूप में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा शुक्रवार को नर्मदापुरम आ रहे हैं जो शाम के समय कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर भावी प्रत्याशियों के लिए उनकी पसंद को जानेंगे।

केंद्रीय पर्यवेक्षक के आने से टिकट के दावेदारों में सरगर्मियां हैं। वे वरिष्ठ नेताओं से मिल कर या फ़ोन कर अपना नाम पर्यवेक्षक के सामने प्रस्तावित  करने की गुजारिश करते नज़र आए हैं।

वैसे कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि जैसे आप पूर्व का इतिहास रहा है पर्यवेक्षकों का आना महज़ औपचारिकता ही रहती आई है, टिकट तो अंतिम समय पर जिले के माई बाप नेताओं के की मर्जी से ही तय होती है और इस बार भी तस्वीर कोई अलग होगी ऐसा नहीं लगता।

दो दर्जन दावेदार?

 जैसी कि कांग्रेस की परंपरा रही है लगातार दो दशकों से ज्यादा समय तक भाजपा की इस अजेय सीट पर कांग्रेस के पास भले ही कार्यकर्ता न हों टिकट के  दावेदारों की कमी नहीं रहती है ।

अभी भी कहां जा रहा है कि लगभग दो दर्जन दावेदार अपनी दावेदारी पेश कर सकते हैं। इस बार भी जो नाम चर्चा में हैं उनमें पूर्व जिला पंचायत सदस्य चंद्र गोपाल मलैया, कांग्रेस के जिला कार्यकारी जिलाध्यक्ष शिवराज चंद्रोल, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष मीना वर्मा, पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष सतेंद्र फौजदार, कपिल फौजदार,पूर्व युवक कांग्रेस जिला अध्यक्ष प्रेम सिंह सोलंकी, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य शिवाकांत पांडे (गुड्डन), प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारी महेंद्र शर्मा, प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष मानक अग्रवाल , प्रदेश एन एस यू आई अध्यक्ष आशुतोष चौकसे ,रश्मि दीक्षित, नीरजा फौजदार, राजकुमार उपाध्याय केलू, राममोहन मलैया ,मोहन झलिया, नर्मदा पुरम नगर कांग्रेस अध्यक्ष धर्मेंद्र तिवारी , इटारसी के पूर्व नगर अध्यक्ष पंकज राठौर,अजय सैनी, सेवा दल यंग ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष गजानन तिवारी (गज्जू तिवारी) शामिल हैं । इनके आलावा भी कुछ नामों की चर्चा बनी हुई है, और यदि अखबारों की खबरों पर भरोसा किया जाए तो यह नाम कांग्रेसी विचारधारा होने के कारण कथित सर्वे टीम के माध्यम से आलाकमान तक पहुंचे हैं उसमें पूर्व विधायक अंबिका शुक्ला के बेटे हेमंत शुक्ला वरिष्ठ कांग्रेसी नेता रहे स्वर्गीय समीरमल के पुत्र संजय गोठी और सर्व ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष जितेंद्र ओझा का नाम शामिल है। एक नाम को एक समाचार पत्र में प्रकाशित किया है वह सविता दीवान का, पर बताया जा रहा है कि उनकी दावेदारी सोहागपुर से है।

एक रोचक बात यह भी कही जा रही है कि कांग्रेस के इन दावेदारों में से कुछ दावेदार ऐसे हैं वह तभी चुनाव लड़ेंगे जब भाजपा के वर्तमान विधायक चुनाव में चुनाव मैदान में नहीं होंगे, इसलिए उनकी दावेदारी तो है पर आधे अधूरे मन से, वे असमंजस में है की टिकट मांगे या न मांगे?

एक डर ऐसा भी ?

पिछले दिनों दिग्विजय सिंह के सामने कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं ने एक स्वर से भाजपा के आए व्यक्ति को टिकट न दिए जाने की मांग की थी, ऐसा माना जा रहा है कि नेताओं और कार्यकर्त्ताओं के रूख को देखकर फिलहाल इस तरह की चर्चाओं पर विराम सा लग गया है, पर कुछ नेता  अभी भी इस पर विश्वास नहीं कर पा रहे हैं उन्हें लगता है कि प्रदेश आलाकमान अंतिम समय पर भाजपा से आने वाले किसी व्यक्ति को टिकट दे सकता है।

ब्राह्मण होगा उम्मीदवार?

एक चर्चा क्षेत्र के राजनीतिक गली गलियारों में यह भी है कि जिले की 4 सीटों में से एक पर कांग्रेस किसी ब्राह्मण उम्मीदवार को उतारना चाहती है और फिलहाल वोटों के गणित के हिसाब से इसके लिए नर्मदापुरम सीट को ज्यादा मुफीद माना जा रहा है। क्योंकि क्षेत्र में कुर्मी और ब्राह्मण मतदाताओं की खासी संख्या रही है और ब्राह्मण उम्मीदवार यहां से जीते भी रहे हैं । पार्टी के सूत्र बताते हैं कि जिले की कांग्रेस की राजनीति के जिम्मेदार नेता सुरेश पचौरी भी यही चाहते हैं और क्षेत्र का टिकट उनकी सहमति से ही तय होगा । पर ब्राह्मण दावेदारों में से उनका पसंदीदा कौन है या होगा इसको लेकर सस्पेंस है! वैसे आधा दर्जन से ज्यादा ब्राह्मण उम्मीदवार इस क्षेत्र से टिकट के दावेदार हैं .

मलैया की सक्रियता चर्चा में!

पर वही कुर्मी समाज से आने वाले कांग्रेस के नेता चंद्र गोपाल मलैया सक्रिय हो गए हैं। बताया जाता है कि उन्हें प्रदेश नेतृत्व ने फील्ड पर काम करने का इशारा दे दिया है। क्षेत्र में कुर्मी मतदाताओं की खासी संख्या है और यह माना जाता है कि यदि में लामबंद हो जाए तो विधायक उनका हो सकता है पर क्षेत्र में अभी तक ऐसा नहीं हो सका है।  पिछले कई सालों से इस समाज को भाजपा समर्थक माना जाता रहा है पर अब कहा जा रहा है कि कुर्मियों में इस बात की मांग उठने लगी है कि विधायक हमारे समाज का होना चाहिए और इस बार वे दोनों ही दलों से कुर्मी समाज के किसी व्यक्ति को टिकट देने की मांग करेंगे।

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