नई दिल्ली // कर्नाटक चुनाव मिली हार के बाद भाजपा इस साल होने वाले पांच राज्यों के चुनाव को लेकर नए सिरे से रणनीति बनाएगी सूत्रों के मुताबिक 28 मई के बाद भाजपा महासचिव इस मुद्दे पर विचार करने के लिए बैठेंगे पार्टी नेताओं का मानना है कि मध्य प्रदेश राजस्थान, छत्तीसगढ़ में मुकाबला आसान नहीं है । पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि किसी भी राज्य का चुनाव आसान नहीं होता है, भाजपा ना सिर्फ जीतने के लिए बल्कि अपना वोट शेयर और जनाधार बढ़ाने के लिए भी चुनाव लड़ती है।
इन तीनों राज्यों में राजस्थान में भाजपा खुद को सबसे मजबूत मानती है बावजूद इसके पार्टी यहां अपनी कमियों को दूर करने के लिए अभी से तैयारी कर रही है। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ को लेकर पार्टी अभी तक जिस रणनीति के साथ आगे बढ़ रही थी वर्तमान परिस्थितियों और पार्टी की भीतरी खींचतान को देखते हुए इसमें कुछ बदलाव हो सकते हैं । पार्टी अपनी रणनीति में क्या बदलाव करने जा रही है ? इसके ज़बाब में पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि इन राज्यों में मिले फीडबैक से जो खामियां सामने दिख रही हैं उसे दूर करने के लिए रणनीति में बदलाव होगा। मसलन किस राज्य में सीएम प्रत्याशी घोषित करना है इसमें नहीं। कहां के लिए किन किन मुद्दों को प्राथमिकता से उठाना है। जैसी बातें में बदलाव किए जा सकते हैं।
ब्रांड मोदी पर ही होगा जोर
चुनावी राज्यों में वैसे तो भाजपा अपने हिन्दुत्व जैसे परंपरागत मुद्दों को लेकर ही आगे बढ़ने की बात कर रही है पर 2024 की तैयारी को इसमें जोड़ते हुए पार्टी मोदी सरकार के 9 साल के कार्यकाल को का रिपोर्ट कार्ड लेकर गांव गांव पहुंचने की योजना बना रही है। इसके लिए पाई पाई जनहित में खर्च का स्लोगन रखा गया है भाजपा नेताओं का कहना है की पार्टी कार्यकर्ता इन योजनाओं को लेकर देश के गांव-गांव तक पहुंचेंगे और लोगों को यह बताएंगे कि किस तरह मोदी के 9 साल के कार्यकाल में भारत ने बुलंदियां हासिल की है 30 मई से 30 जून तक यह कार्यक्रम देशभर में चलेगा।