लगातार हार रही सीटों के लिए कांग्रेस अपना रही है यह रणनीति ?
भोपाल //सूबे में जहां विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा पिछली बार हारी हुई सीटों को जीतने की रणनीति पर काम कर रही है, वही कांग्रेस प्रदेश की ऐसी सीटों पर फोकस कर रही है, जहां पार्टी लगातार चुनाव हार रही है। प्रदेश में ऐसी 70 सीटें हैं। कांग्रेस इन सीटों पर प्रत्याशियों के चयन के लिए तीन तीन सर्वे कराने की कवायत कर रही है, वहीं कार्यकर्ताओं को तैयार करने और बूथ मैनेजमेंट के लिए शिविरों का आयोजन करेगी।
तीन तीन सर्वे से चुने जायेंगे उम्मीदवार ?
खबर यह है कि कांग्रेस 3 बार या उससे ज्यादा बार चुनाव हारने वाली सीटों पर इस बार उम्मीदवार चयन के लिए तीन अलग-अलग सर्वे करवाएगी । एक सर्वे एआईसीसी ,एक प्रदेश कांग्रेस और एक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ खुद करवा रहे हैं। इन तीनों सर्वे के निचोड़ के बाद ही प्रत्याशी का चयन किया जाएगा। बताया जाता है कि यह फैसला पिछले दिनों कांग्रेस की पॉलिटिकल अफेयर कमेटी की बैठक में लिया गया है। इन तीनों सर्वे के बाद जो उम्मीदवार सबसे बेहतर होगा दिग्गज नेताओं (? ) के साथ ही स्थानीय और संगठन कि पसंद होगा उसे उम्मीदवार बनाया जाएगा। पहले चरण में इन हारी सीटों पर सर्वे होगा के बाद दूसरे चरण में बाकी लगभग 90 सीटों पर इसी तर्ज पर सर्वे होगा। वैसे यह भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस अधिकतर सीटों पर वर्तमान विधायकों को दोहराने के मूड में इसीलिए उन्हें अभी से अपने क्षेत्र में सक्रिय होने के लिए आलाकमान ने निर्देश दे दिए हैं।
शिविरों का होगा आयोजन !
दूसरी खबर है कि कांग्रेस लगातार हार वाले विधानसभा क्षेत्रों में शिविर लगाकर कार्यकर्ताओं को तैयार करेगी और इन शिविरों को आयोजित करने की जिम्मेदारी सेवादल को दी गई है। यह शिविर मई और जून में लगाए जाएंगे । 3 से 5 दिनों के इन शिविरों में क्षेत्र में हार के कारणों के अलावा कार्यकर्ताओं को बूथ प्रबंधन की बारीकियों की जानकारी, मतदाता से संपर्क करने के और प्रमुख बिंदु पर बात करने को के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इस दौरान वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहेंगे।
सेवा दल के प्रमुख संगठन योगेश यादव का कहना है कि शिविर क्षेत्र में कांग्रेस की कमजोरियों और समस्याओं की जानकारी का एक प्रतिवेदन भी तैयार करेंगे ताकि संगठन को चुनावी तैयारी में सहयोग मिल सके । बताया जा रहा है कि विधानसभा क्षेत्रों से सेवा दल के शिविर आयोजित करने से पहले 27 से 29 अप्रैल तक इंदौर में जिला अध्यक्ष व प्रभारियों का एक शिविर भी आयोजित होगा।
इन सीटों पर लगातार हार रही है कांग्रेस
रहली ,सागर, बीना ,नरयावली ,गुना, शिवपुरी ,दतिया डॉक्टर अंबेडकर नगर( महू) इंदौर दो इंदौर चार इंदौर पांच,बिजावर ,चांदला, पथरिया, हटा, सिरमौर, सिमरिया, त्योथर, रामपुर बघेलान, रीवा, सीधी सिंगरौली, देवसर , धौहनी, जैतपुर ,बांधवगढ़, मानपुर , मुड़वारा ,जयसिंह नगर ,जबलपुर कैंट, पनागर ,सिहोरा परसवाड़ा ,बालाघाट ,सिवनी ,आमला, टिमरनी, सिवनी मालवा, होशंगाबाद ,सोहागपुर, पिपरिया, भोजपुर, कुरवाई ,शमशाबाद ,बैरसिया ,नरेला, हुजूर, गोविंदपुरा बुधनी ,आष्टा ,सीहोर, सारंगपुर ,सुसनेर ,सुजालपुर देवास ,खातेगांव, बागली ,हरसूद, खंडवा, पंधाना, बुरहानपुर, धार, उज्जैन उत्तर, उज्जैन दक्षिण, रतलाम सिटी ,मंदसौर, मल्हारगढ़, जावद और नीमच।