गाँव में पानी की किल्लत देखकर अकेले खोद डाला था कुआं ,साधारण व्यक्ति का असाधारण कारनामा
चित्रकूट// उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जनपद के मानिकपुर ब्लाक की ग्राम पंचायत गढ़चपा में एक गांव है बडेहार उसके पुरवा (मोहल्ला) मजरा में रहने वाला एक साधारण सा इंसान था कृष्णा कोल । इस अनपढ़ साधारण से ग्रामीण ने एक असाधारण काम किया था जो आज एक मिसाल बन चुका है । आज से लगभग 70 साल पहले इस गांव के 20 साल के युवक कृष्णा ने गांव की विकराल पानी की समस्या और पानी की आस और तलाश में भटकते गांव की महिलाओं को देखकर गांव में ही कुआं खोदने का विचार किया और जुट गया अकेले अपने सपने को पूरा करने के लिए । इस पठारी क्षेत्र में जमीन से पानी निकलना आसान नहीं था । और जैसा कि होता है लोग कृष्णा के इस असंभव से सपने पर हंसे , कुछ ने मना भी किया पर धुन के पक्के कृष्णा ने 5 साल रात दिन एक करके 19 58 में 60 फीट गहरा कुआं खोद डाला । कृष्णा कोल की इस मेहनत का पानी तीन दशकों से ज्यादा तक गांव और इलाके की प्यास बुझाने का एकमात्र सहारा बना रहा। आज तो गांव में पानी की कई सुविधाएं हैं।
अपने अथक प्रयासों से कुआं खोदकर बुंदेलखंड के दशरथ मांझी के नाम से प्रसिद्ध हो जाने वाले कृष्णा कोल का सोमवार 17 अप्रैल को 95 साल की उम्र में निधन हो गया।
कृष्णा कोल ने बताया था कि वे बारह साल की उम्र में एक बार गांधीजी से भी मिले थे और उन से प्रेरित होकर ही उसके मन में अपने गांव की बेहतरी के लिए काम करने का विचार आया था ।कोल पढ़े लिखे तो नहीं थे परंतु हमेशा कहा करते थे कि व्यक्ति के सामने कैसी भी परिस्थिति हो लेकिन उसे हार नहीं माननी चाहिए । बताया जाता है कि कृष्णा कोल की अंतिम इच्छा यह थी कि उसके गांव तक संपर्क सड़क बन जाए, जिससे गांव में शिक्षा और स्वास्थ्य की व्यवस्था दुरुस्त हो जाए, हालांकि कई बार प्रशासन द्वारा उनके कार्यों के लिए उन्हें सम्मानित भी किया जा चुका था। गांव में स्कूल ना होने के कारण उनकी चौथी पीढ़ी भी स्कूल नहीं जा सकी है और संपर्क मार्ग ना होने के कारण स्वास्थ्य सेवाएं भी अब तक इस गांव में नहीं पहुंच पाई हैं।
चारों तरफ पहाड़ से गिरी इस गांव में अधिकांश आदिवासी परिवार रहते हैं। समाज सेवा में लगे तमाम सारे संगठन संगठनों का कहना है कि कृष्णा कोल चित्रकूट जनपद के लिए एक रियल हीरो है और ऐसे व्यक्तित्व के लिए हम जितना भी करें वह कम होगा सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि बडेहार तक संपर्क मार्ग का जल्द से जल्द निर्माण किया जाए जिसका नाम कृष्णा कोल संपर्क मार्ग रखा जाए और उनकी अंतिम इच्छा जल्द से जल्द पूरी की जाए।