धर्म रक्षा यात्राएं निकलेगी कांग्रेस? सॉफ्ट हिंदुत्व से हार्ड हिंदुत्व की ओर कांग्रेस ?
भोपाल// यह निश्चित है कि सूबे में आगामी चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस हिंदुत्व की पिच पर खुलकर खेलने के मूड में मूड में आ गई है। कांग्रेस ने हाल ही में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में धर्म संवाद और मंदिर स्वायत्त संकल्प दिन का आयोजन कर पूरे प्रदेश के पुजारियों साधु-संतों को बुलाया था इस आयोजन में यह मांग भी रखी गई कि मंदिरों को लेकर 1974 की व्यवस्था लागू की जाए और मंदिरों की जमीन का अधिकार मंदिर समिति को दिया जाए कांग्रेश ने आरोप लगाया कि मंदिरों पर सरकार कब्जा कर रही है पुजारियों धर्म आचार्यों पर अत्याचार हो रहे हैं शिकायत के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।
और अब बताया जा रहा है कि इसी महीने से कांग्रेस धर्म रक्षा यात्राओं की शुरुआत कर सकती है इसके लिए पूरा खाका तैयार हो चुका है ।
इन यात्राओं की जिम्मेदारी मध्य प्रदेश कांग्रेस मंदिर पुजारी प्रकोष्ठ की युवा इकाई को दी गई है । यह यात्राएं जिला स्तर से शुरू होकर ब्लॉक स्तर तक होंगी। यात्रा के दौरान भगवा ध्वज पताकाएं साथ रहेंगी। मशाल और बाइक रैली का आयोजन भी होगा। प्रदेश कांग्रेश पुजारी युवा इकाई के प्रदेश अध्यक्ष सुधीर भारती का कहना है कि इन यात्राओं पर इसके सैद्धांतिक सहमति बन गई है, सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ की हरी झंडी मिलने के बाद यात्राएं शुरू हो जाएंगी। कांग्रेस का कहना है कि इन यात्राओं का उद्देश्य धर्म संस्कृति की रक्षा और मंदिरों को सुरक्षा प्रदान करना है। साथ ही कांग्रेस से आमजन को जोड़ना है।
भाजपा तो पहले से ही हिंदुत्व के मुद्दे पर चुनावी मैदान में उतरती रही है , उसकी काट के लिए और एंटी हिन्दुत्व की छवि से छुटकारा पाने की कोशिश में कांग्रेस ने भी अपना रंग रूप बदलना शुरू कर दिया है । जब से कमलनाथ ने कांग्रेस की कमान संभाली है, उन्होंने साफ्ट हिंदुत्व की ओर रुझान दिखाना शुरू कर दिया था और 2018 के चुनाव में इसे आजमाया भी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ अपने को हनुमान भक्त बताते हैं और वह कहते हैं कि राम किसी एक के नहीं है अब तो कांग्रेस के लोग खुलकर भगवान श्री राम के साथ सीता का नाम यानी जय सियाराम भी कहने लगे हैं कांग्रेश किसी भी तरह से धार्मिक आयोजन से पीछे नहीं हट रही है।
भाजपा हमलावर
वैसे कांग्रेस के इस बदले रूप पर भाजपा काफी हमलावर भी नजर आ रही है।
प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि जिन लोगों ने भगवा आतंकवाद का शब्द गढ़े थे, वो लोग आज अपने कार्यालय को भगवा में रंग रहे हैं तो समझ लेना चाहिए कि अब अच्छे दिन जरूर आ गए हैं. कांग्रेस अपने कार्यालय में सुंदरकांड का पाठ करा रही है. ये वो लोग हैं जिन्होंने राम को काल्पनिक कहा था.
वहीं इंदौर में बीजेपी के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि कांग्रेस के नेता पहले सिर्फ रोजा इफ्तार में जाते थे लेकिन अब वे सुंदरकांड का पाठ कर रहे हैं, मंदिराें में जा रहे हैं और उनके नेता जनेऊ तक पहनने लगे हैं तो यह सीधे तौर मोदी इफेक्ट की वजह से कांग्रेस का ट्रांसफॉर्मेशन हो रहा है.
पत्रकारों ने कमलनाथ से पूछा कि क्या झंडे इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी के “भगवाकरण” का संकेत देते हैं। जवाब में, पूर्व सीएम ने पूछा कि क्या भाजपा के पास भगवा का ट्रेडमार्क है? क्या उन्होंने भगवा का ठेका लिया है? बीजेपी का दावा है कि उसने हिंदू धर्म का ठेका लिया है। अंतर यह है कि हम सभी की धार्मिक भावनाएं हैं, लेकिन हम इसे राजनीतिक मंच पर नहीं लाते हैं।
कितना फायदा ,कितना नुकसान ?
राजनीतिक समीक्षक मान रहे हैं कि दोनों ही दल आगामी चुनाव में हिंदुत्व को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करेंगे ,पर मतदाता किस पर भरोसा करता है यह देखने वाली बात होगी ।
वैसे प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला है परंपरागत रूप से अल्पसंख्यक मतदाता का झुकाव कांग्रेसियों रहता आया है पर अब कांग्रेश अपना जो रूप बदल रही है वह हिंदुत्व समर्थकों को कितना लुभा पाती है यह तो फिलहाल नहीं कहा जा सकता पर अल्पसंख्यक मतदाता कांग्रेस के बदले रुख रवैये से निराश और नाराज जरूर हो सकता है और इसका फायदा आप, बसपा और सपा जैसे दलों को मिल सकता है । भाजपा के हिंदुत्व के मुकाबले कांग्रेस का हिंदुत्व मतदाता को कितना पसंद आता है यह तो 6 महीने बाद होने वाले चुनाव परिणाम ही बताएंगे।