चुनावों की तैयारी – कांग्रेस किसान ,महिला और कर्मचारी पर कर रही है फोकस
भोपाल // प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर लगभग 6 महीने का वक्त बचा है दोनों ही प्रमुख दल पूरी ताकत से तैयारियों में जुटे हुए हैं। राजनीतिक हालातों के चलते मुक़ाबला कांटे का माना जा रहा है । दोनो ही हर तरह और तबके के मतदाता को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं । जहां भाजपा द्वारा लाडली बहना योजना और प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि और प्रदेश सरकार की ओर से दी जाने वाले चार हजार रूपए को मास्टर स्ट्रोक बताया जा रहा है , वहीं कांग्रेस अपनी पूरी रणनीति महिला ,किसान और कर्मचारियों पर फोकस कर रही है । यह तीनों तबके मिलाकर लगभग 50% से अधिक मतदाता है।
लाड़ली बहना की काट में 15सौ रूपये और पांच सौ में गैस सिलेंडर
कांग्रेस भाजपा सरकार की लाड़ली बहना योजना की काट में एक हजार की जगह 15 सौ रुपए देने की बात कर रही है साथ ही रसोई गैस का सिलेंडर ₹500 में देने की भी घोषणा की है । लाड़ली बहना योजना के तहत महिलाओ के खाते में एक हजार रुपया हजार जून माह तक आने की संभावना है फिलहाल तो महिलाएं इस योजना के लिए आवेदन करने में आ रही दिक्कतों से परेशान नजर आ रहीं हैं। प्रदेश में लगभग 2 करोड़ 60 लाख मतदाता है महिलाएं हैं। पूरी खींचतान इन्हीं के लिए है।
फिर से कर्ज माफी का वादा
जहां तक किसानों का सवाल है भा जा पा को अपनी सम्मान निधि और प्रदेश सरकार द्वारा दिए जा रहे पैसे पर भरोसा है। भाजपा आरोप लगाती रही है कि पंद्रह महीने की कांग्रेश सरकार ने किसानों की कर्ज माफी का वादा तोड़ा है। अब वह किसानों का ऋण माफ किए जाने का दावा करते हुए किसानों को राहत की बात कर किसानों को लुभा रही है । वहीं कांग्रेस इसे झूट बताते हुए फिर से कर्ज माफी का वादा कर रही है। हाल ही में हुई बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों के लिए उसने तत्परता से सर्वे का काम शुरू करवा दिया है।
पुरानी पेंशन की मांगसे परेशान भाजपा
कर्मचारी वर्ग की सबसे बड़ी मांग पुरानी पेंशन की बहाली जरूर भाजपा के लिए सिरदर्द है। कर्मचारी इसको लेकर लामबंद हो रहे है और आंदोलन की चेतावनी भी दे चुके है। कांग्रेस ने इस मुद्दे को लपक लिया है और वह इसे भुनाने के मूड में है। जहां भाजपा के पास कर्मचारियों के लिए कोई योजना नहीं है वही कांग्रेसमें कर्मचारियों को पुरानी पेंशन और नियमितीकरण का वादा कर एक बड़ा दांव चला है।
सस्ती बिजली की बात
इसके अलावा सस्ती बिजली एक बड़ा मुद्दा है है 15 महीने की अपनी सरकार के दौरान कमल कमलनाथ ने सस्ती बिजली की एक ऐसी योजना शुरू की थी जिसे आज भी गरीब एवं मध्यम वर्ग बड़ी राहत के रूप में याद करते हैं उस दौरान ₹100 में 100 यूनिट बिजली से मध्यमवर्ग को बड़ी राहत मिली थी कांग्रेश इसे फिर से भुनाने की कोशिश में है बताया जाता है कि कांग्रे सब 100 यूनिट का दायरा बढ़ाकर इसे 200 यूनिट तक ले जा सकती है।