यदि म. प्र.में रहते हैं, तो आप 38,000 रू के कर्जे में हैं ?

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भोपाल // मध्य प्रदेश का हर नागरिक  साल के अंत तक राज्य में चुनाव होने तक 38,000 रुपये से अधिक के ऋण के अधीन होगा। देश के प्रमुख दैनिक टाइम्स ऑफ़ इन्डिया में छपी एक खबर के अनुसार राज्य में औसत प्रति व्यक्ति कर्ज पिछले छह वर्षों में तेजी से बढ़ा है। मार्च 2016 के अंत तक यह 13,853 रुपये होने का अनुमान लगाया गया था, जबकि वित्त वर्ष 2013-14 में यह 10,896 रुपये दर्ज किया गया था। पिछले 20 सालों में सरकार ने करीब तीन लाख करोड़ रूपये का कर्ज लिया हैं .

वित्त विभाग के अनुसार, 31 मार्च, 2022 तक मप्र का कुल ऋण 295532.9 करोड़ रुपये से अधिक था। प्रमुख हिस्सा बाजार ऋण से है, जो 174373.2 करोड़ रुपये से अधिक है। मुआवजा और अन्य बांड लगभग 7,360.4 करोड़ रुपये, वित्तीय संस्थानों से ऋण 12,158 करोड़ रुपये से अधिक, केंद्र सरकार से ऋण और अग्रिम 44,675.5 करोड़ रुपये थे। अन्य देनदारियों का हिसाब 22,208.9 करोड़ रुपये और केंद्र सरकार के राष्ट्रीय लघु बचत कोषों को जारी की गई विशेष प्रतिभूतियां लगभग 34,756.7 करोड़ रुपये थीं।

सरकार कुछ दिनों में 4,000 करोड़ रुपए और कर्ज लेने की औपचारिकताएं पूरी कर लेगी। सूत्रों का कहना है कि पिछले साल इसने अलग-अलग अंतराल पर कर्ज लिया और यह प्रक्रिया इस साल चुनाव तक जारी रहेगी।

राजपत्र में वर्णित मप्र सरकार की वित्तीय एवं बजटीय स्थिति के अनुसार वर्ष 2020-21 में राजस्व प्राप्तियां 146376.78 करोड़ रुपये थी जबकि वर्ष के लिए राजस्व व्यय 164733.01 करोड़ था, जिससे 18356.23 करोड़ का घाटा हुआ।

वर्ष 2021-22 के संशोधित अनुमान में, राजस्व प्राप्तियां 171,697.2 करोड़ रुपये रही, जबकि राजस्व व्यय लगभग 177,398.4 करोड़ रुपये था, जिससे 5,701.1 करोड़ रुपये से अधिक का घाटा हुआ। दो साल के खर्च में ज्यादा अंतर नहीं आया, लेकिन प्राप्तियां काफी बढ़ गईं।

सरकार द्वारा लिए गए ऋण का उपयोग राज्य में लागू होने वाले उत्पादक विकास कार्यक्रमों और परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए किया जाता है। यह मुख्य रूप से विकास योजनाओं की लागत वहन करती है। केंद्र से और अन्य स्रोतों से लिए गए ऋणों का उपयोग मुख्य रूप से राज्य के विकास और लाभकारी संपत्तियों के निर्माण जैसे बांधों के निर्माण, परिवहन सेवाओं में सुधार, किसानों, स्थानीय निकायों जैसे तीसरे पक्षों को ऋण प्रदान करने के लिए किया गया था और  बिजली उत्पादन के लिए ऋण देंने में होता है .

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