नई दिल्ली // विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बुधवार (3 मई) को वैश्विक मीडिया निगरानी संस्था ‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ (RSF- Reporters sans frontières) ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट प्रकाशित की. फ्रांस आधारित यह एनजीओ दुनियाभर के देशों में प्रेस की स्वतंत्रता पर हर वर्ष रिपोर्ट प्रकाशित करती है. रिपोर्ट में विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक (World Press Freedom Index) में भारत की स्थिति पर चिंता जताई गई है . आरएसएफ की रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 के विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत 11 पायदान गिरकर 161वें स्थान पर पहुंच गया. रिपोर्ट में 31 देशों की स्थिति पत्रकारिता के लिए क्रिटिकल (गंभीर ) बताई गई है ,इसमें भारत भी शामिल है .
रिपोर्ट्स विदाउट बोर्डर्स द्वारा जारी इस रिपोर्ट्स में चेतावनी दी गई है की फेक न्यूज़ का खतरा तेजी से बढ़ा है सरकारी दमन की स्थिति और भी चिंतनीय हो गई है संयुक्त राष्ट्र के अनुसार दुनिया के 85% लोग उन देशों में रहते हैं जहाँ प्रेस फ्रीडम में गिरावट आई है .
मीडिया स्वतंत्रता के मामले में टॉप पांच देशों में नार्वे ,आयरलेंड ,डेनमार्क ,स्वीडन और फिनलेंड हैं ,वहीं सबसे ख़राब स्थिति तानाशाह किम जोंग उन के देश उत्तरी कोरिया की है ,वह 180 वें स्थान पर है ,ठीक वैसी ही स्थिति चीन की है उसकी रैंक 179 वीं है.
पिछले साल इंडेक्स में इस नंबर पर था भारत
आरएसएफ ने पिछले साल 180 देशों के एक सर्वेक्षण में भारत को 150वां स्थान दिया था. आरएसएफ की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘तीन देशों- ताजिकिस्तान (एक स्थान गिरकर 153वें स्थान पर), भारत (11 स्थान गिरकर 161वें स्थान पर) और तुर्किये (16 स्थान गिरकर 165वें स्थान पर) में स्थिति ‘समस्याग्रस्त’ से ‘बहुत खराब’ हो गई है.’’ रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘अन्य स्थिति जो सूचना के मुक्त प्रवाह को खतरनाक रूप से प्रतिबंधित करती है, वह नेताओं के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखने वाले कुलीन वर्गों की ओर से मीडिया संस्थानों का अधिग्रहण है.’’
यह रैंकिंग पांच व्यापक श्रेणियों राजनैतिक ,विधायी ,आर्थिक,सामाजिक और पत्रकारों की सुरक्षा जैसे संकेतकों के प्रदर्शन पर आधारित होती है . इसमें भारत की रेंकिंग पत्रकारों को सुरक्षा श्रेणी में सबसे कम (172) व् सामाजिक श्रेणी में सर्वाधिक (143) रही .भारत में इस साल अब तक एक पत्रकार की हत्या हुई और दस को हिरासत में लिया गया .
मीडिया संगठनों ने जताई चिंता
इंडियन वुमन्स प्रेस कोर, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया और प्रेस एसोसिएशन ने सूचकांक में देश के स्थान में गिरावट पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए एक संयुक्त बयान जारी किया. संयुक्त बयान में कहा गया है, ‘‘आरएसएफ की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, भारत सहित कई देशों में प्रेस स्वतंत्रता के सूचकांक खराब हुए हैं.’’
बयान में कहा गया, ‘‘ग्लोबल साउथ में विकासशील लोकतंत्रों के लिए जहां असमानता की गहरी खाई मौजूद है, मीडिया की भूमिका को कम करके नहीं आंका जा सकता है. इसी तरह अनुबंध (Contract) पर बहाली जैसी अस्थिर कामकाजी परिस्थितियां भी प्रेस की स्वतंत्रता के समक्ष चुनौतियां हैं. असुरक्षित कामकाजी परिस्थितियां कभी भी स्वतंत्र प्रेस में योगदान नहीं दे सकतीं.’’
हम सभी के लिए शर्म से सिर झुकने समय- शशि थरूर
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत के स्थान में गिरावट को लेकर टिप्पणी की. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हम सभी के लिए शर्म से सिर झुकने समय: विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत 180 देशों में 161वें स्थान पर पहुंचा.’’