क्यों किया अमेरिका में स्कूलों ने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर केस?

0 35

नई दिल्ली//अमेरिका के सिएटल शहर के पब्लिक स्कूलों ने टिक टॉक ,इंस्टाग्राम फेसबुक ,और स्नैपचैट और इसी जैसी कई सोशल मीडिया कंपनियों पर मुकदमा किया है ,स्कूलों का कहना है कि यह कंपनियां बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रही हैं । स्कूल का आरोप है कि यह अपने फायदे के लिए बच्चों के कमजोर मस्तिष्क का शोषण कर रहे हैं जिससे स्कूल में मानसिक और मनोवैज्ञानिक परेशानियों से बच्चे पीड़ित हो रहे हैं। इसके लिए उन्होंने अधिकतम नागरिक दंड (सिविल पेनल्टी) की मांग की है। इस जिले में लगभग 100 स्कूल हैं और उनमें 50,000 से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं 

अमेरिका के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में पेश अपने मुकदमे में स्कूल ने कहा है बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य, खराब होते व्यवहार जैसे बेचैनी निराशा और खाने की आदतों के लिए सोशल मीडिया जिम्मेदार है। 

लगभग 91पेज की शिकायत में कहा गया है कि यह कंपनियां युवाओं के लिए हानिकारक सामग्रियों का प्रसार और सिफारिश करती हैं। प्रबंधन का यह भी कहना है कि बच्चों को शिक्षित करना मुश्किल हो रहा है स्कूलों को बच्चों की मदद के लिए ज्यादा मानसिक चिकित्सकों की मदद लेनी पड़ रही है। मुकदमे में यह भी कहा गया है कि बच्चों की ऐसी भावनात्मक रिपोर्टों में लगभग लगभग 30% की वृद्धि हुई है जहां वे दो या दो से अधिक हफ्तों तक निराशा महसूस करते हैं और फिर सामान्य गतिविधियां बंद कर देते हैं।

गूगल ने कहा हमने सुरक्षा के कई फीचर दिए हैं 

इसके बाद कुछ सोशल मीडिया प्लेटफार्म अपने बचाव में सामने आये हैं . गूगल के प्रवक्ता जोस कास्टानेड़ा ने कहा कि हमने अपने प्लेटफार्म को बच्चों के लिए सुरक्षित अनुभव बनाने में बड़ा निवेश किया है। और बच्चों की भलाई को प्राथमिकता देने के लिए मजबूर सुरक्षा और समर्पित फीचर पेश किए हैं उदाहरण के लिए फैमिली लिंक के माध्यम से हम माता-पिता को रिमाइंडर सेट करने , स्क्रीन समय सीमित करने और पर्यवेक्षक उपकरणों पर विशिष्ट प्रकार की सामग्री को ब्लॉक करने की क्षमता प्रदान करते हैं वहीं स्नेप चेट ने कहा है कि वह युवा लोगों की सुरक्षा के लिए कदम उठा रहा है ,वह मेंटल हेल्थ सपोर्ट के लिए फीचर शुरू कर रहा है ..

Leave A Reply

Your email address will not be published.