नई दिल्ली// अब पांचवी से विद्यार्थी विद्यार्थी सीधे आठवीं कक्षा में दाखिला ले सकेगा और यह संभव होगा अतिरिक्त क्रेडिट अंक से। नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (एनसीएफ ) का फार्मूला सिर्फ उच्च शिक्षा या कौशल विकास से जुड़े कोर्स तक नहीं सीमित रहेगा बल्कि स्कूली शिक्षा में भी प्रभावी रहेगा।
इस इसे फिलहाल चार स्तरों में बांटा गया है इसमें पहला बाल वाटिका से पांचवीं कक्षा के स्तर तक का दूसरा छठी से आठवीं ,तीसरा नौवीं से दसवीं तथा चौथा 11वीं और 12वीं कक्षा के स्तर का होगा। सभी स्तरों के 4040 क्रेडिट स्कोर होंगे। पूरी स्कूली शिक्षा का क्रेडिट स्कोर 160 होगा । इस दौरान कोई भी छात्र अतिरिक्त क्रेडिट अंकों के आधार पर सीधे दूसरे स्तर में भी दाखिला पा सकेगा।
छात्र को इसके लिए पढ़ाई के अलावा अन्य गतिविधियों में महारत हासिल कर अतिरिक्त क्रेडिट अंक जुटाने होंगे।
इस फार्मूले में कौशल विकास से जुड़े छात्रों को भी नियमित शिक्षा से जोड़ने का मौका दिया गया है यानी आईटीआई पास छात्र 12वीं के समकक्ष माना जाएगा और दूसरे 12वीं के छात्रों की तरह विश्वविद्यालय में दाखिला लेने के योग्य होगा हालांकि इसके लिए उसे एनआईओएस( ओपन स्कूल) से किसी एक भाषा से जुड़ा कोर्स करना होगा। खास बात यह कि स्कूली शिक्षा में नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क को पहली बार लागू करने की तैयारी है।
कम से कम 30 घंटे देने पर एक क्रेडिट स्कोर हासिल होगा
शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क का फार्मूला सभी स्तर के लिए एक समान रखा गया है यानी किसी भी छात्र को एक क्रेडिट स्कोर तभी मिलेगा जब उस क्षेत्र में कम से कम 30 घंटे का समय देगा मैं भले ही पढ़ाई या फिर कुछ नया सीखने के लिए लगाया हो वही एक चरण को पूरा पार करने के लिए न्यूनतम 40 क्रेडिट हासिल करना होगा। व्यवस्था स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा तक के स्तर पर एक समान रखी गई है इस दौरान स्कूली शिक्षा के चारों चरणों को पूरा करने पर 160 क्रेडिट मिलेगा जबकि 3 वर्षीय स्नातक कोर्स पूरा करने पर 120 क्रेडिट मिलेंगे।